मैं भी शाम की तरह कभी न कभी ढल जाऊँगा तेरी राह से मंज़िल पे बेशक अकेला ही चल जाऊँगा मैं भी शाम की तरह कभी न कभी ढल जाऊँगा तेरी राह से मंज़िल पे बेशक अकेला ही चल जा...
सागर बन जब आऊँगा तुम्हारे द्वार रहना तुम नदिया बन मिलन को तैयार। सागर बन जब आऊँगा तुम्हारे द्वार रहना तुम नदिया बन मिलन को तैयार।
तब होठों की चुप्पी ज़माने से बहुत कुछ बोल जाए। तब होठों की चुप्पी ज़माने से बहुत कुछ बोल जाए।
वाह क्या बरसात आई है। वाह क्या बरसात आई है।
और एक प्याली कॉफी वाली चाय साथ में बुकमार्क लगी किताब जो तुमने लिखी हो।। और एक प्याली कॉफी वाली चाय साथ में बुकमार्क लगी किताब जो तुमने लिखी हो।।
जो कहते है रिश्ते निभाना इतना आसान नहीं, मैं कहता हूँ, अभी तुम्हें रिश्तो कि पहचान नहीं... जो कहते है रिश्ते निभाना इतना आसान नहीं, मैं कहता हूँ, अभी तुम्हें रिश्तो कि पह...